लुट गए हम तो पहली मुलाकात में (Lut Gaye Hum To Pahali Mulakat Me) और लहजा इश्क जैसा (Lehja Ishq Jaisa) कविता का लिरिक्स (Lyrics) आपके सामने हिंदी (Hindi) में डेली इन्स्पीरेशन बोर्ड की टीम प्रस्तुत कर रहा है, ये कविता (Poem) बहुत ही रोमांटिक कविता है आपको पसंद आएगा ये दोनों कविताओं (Poetry) का आनंद लीजिए और इसके अपने चाहने वालो के साथ साझा करिये, और उसके दिल में अपने लिए खूब जगह बनाने में सफल जो जाइये,
Lut Gaye Hum To Pahali Mulakat Me | Lyrics in Hindi

ना गले में उसके हार दिखा ना कोई सिंगार देखा
आंखों में उसके अजीब सा चमत्कार देखा
मैंने ऐसा पहली बार देखा सरेआम बाजार में
टकराई थी जब लेकर फूलों का हार आधी रात में
लुट गए हम तो पहेली मुलाकात में
खड़े रह गए हम इंतजार में
लुट गए हम तो पहली मुलाकात में आधी रात में
सहेली के साथ चली वह गई
पलट कर ना देखा उस बरसात में
खड़ा था जहां मैं सब हार के
जाता भी तो कैसे वापस कुछ भी बचाना था मेरे पास में
लुट गए हम तो पहली मुलाकात में आधी रात में
जाकर के घर में बताऊंगा क्या सोउनगा कैसे खाऊंगा क्या
बेचैन दिल था सांसे तेज थी अजीब सी हरकत थी जज्बात में
लुट गए हम तो पहली मुलाकात में आधी रात में
नहीं पाया कुछ भी मैंने उस रात में खो दिया सूझबूझ और समझ साथ में
खींच कर ले गयए मुझे सब अपने साथ मगर
मन मेरा आया ना पास में मैं लटकता रहा उसी जज्बातों में
दोबारा मिलने का इंतजार था
मिलेंगे वह या नहीं कुछ ना ज्ञात था
मगर उसके लिए कुछ अलग आस था
दिल में जलन और आंखों में प्यास था
सहयोग आया फिर जब बरसात आई देखकर खिली मेरा दिल
खुशियां बहुत ही डर था मन में
लुट गए हम तो पहली मुलाकात में आधी रात में
हाले दिल जब किया मैंने बयां
पता चला उस पार भी
यही हाल हाल है उसके दिलो-दिमाग में
लुट गए हम तो पहली मुलाकात में आधी रात में
अब चैन भी है और सांसे भी है क्योंकि हम दोनों जो है साथ में
समझने जो लगे हम दोनों एक दूसरे के बाद आंखों आंखों और जज्बात में
लुट गए हम तो पहली मुलाकात में आधी रात में
कविता का नैतिक– Lut Gaye Lyrics in Hindi
लुट गए हम तो पहली मुलाकात में (Lut Gaye Hum To Pahali Mulakat Me) ये कविता नया और रोमांटिक कविता लिरिक्स (Lyrics) है हिंदी (Hindi) में एक प्रेमी का दूसरे प्रेमी से मिलने के बाद दिल में जगे प्यार को बयां करने वाला कविता है, की किस तरह पहली ही मुलाकात में मैंने दिल दे दिया था तुमको और सारे चैन खो दिया था मैंने एक अलग सी भावनाएँ जाग गयी थी मेरे दिल में उसी भावनाओ को अपने प्यार चाहने वाले लवर के साथ इस कविता के माध्यम से बता रहा है अपने जज्बातों को,
वास्तविक जीवन में भी कई बार इस तरह की घटनाएं घट जाती है!
, कई लोगो के साथ उनको भी अचानक ही कोई मिलता है! और दिल को भा जाता है! जो की दिल में जगी बात कहने के लिए उसके पास शब्द कई बार नहीं मिल पाते उन लोगो को इस कविता के माध्यम से अपने प्रेमी को अपने जज्बात बयां करने में मदद मिल सकती है!, डेली इन्स्पीरेशन बोर्ड की टीम ऐसा ही उम्मीद करता हैLehja Ishq Jaisa | Poetry Lyrics

आई थी जब सामने शरमा सी गई थी
आंखें जैसे उसकी जुबान से हुई थी
देखकर उसकी आंखों में दिल धड़क सा गया
अंदाज़ कुछ नया सा था ये लहजा इश्क जैसा
पल भर की मुलाकात सब थम सा गया था
ढीला ढाला होकर मैं तन सा गया था
अंदाज़ कुछ नया सा था ये लहजा इश्क जैसा
भीड़ बड़ी लगी थी पर शांति सा लगता था
शोर-शराबा दुनिया का बांसुरी सा लगता था
बेदरंग दुनिया में आशिकी से लगता था
अंदाज़ कुछ नया सा था ये लहजा इश्क जैसा
लोगों की निगाहें हम पर थी हम आपस में खो से गए थे
बिना चले हम राहों पर कहीं दूर से निकल गए थे
मुलाकात यह पहली थी फिर बार-बार मिल जाते
जब भी मिला करती थी आंखों से सब कहते थी
अंदाज़ कुछ नया सा था ये लहजा इश्क जैसा
शीशे की इस दुनिया में समंदर दिखा करते थी
कांटे जैसे हाथ मेरे गुलाब सा खिला करती थी
फिकर बहुत था लोगों की चिंता मेरी किया करती थी
अंदाज़ कुछ नया सा था ये लहजा इश्क जैसा
चोट मुझे जब लगती थी फूंक मार के रोती थी
दिमाग वाले शहरों में दिल वाली सी दिखती थी
अंदाज़ कुछ नया सा था ये लहजा इश्क जैसा
Lehja Ishq Jaisa | Poetry Lyrics
अब वह जमाना बीत गया रीत नई जो लगती थी
प्यार की बातें छोड़कर हिटलर सा वो करती है
अंदाज़ यह भी कुछ नया है लहजा इश्क जैसा
अब बच्चों को खुश वह रखती है
तब मुझको रखा करते थी
डरने वाली मस्तानी अब मर्दानी सा लगती है
अंदाज़ कुछ नया सा था ये लहजा इश्क जैसा
वह तो मेरी अपनी थी अब यह मेरे अपनों की भी अपनी है
वह भी जमाना अपना था ये भी जमाना अपना ही है
तब चुपके से मगर अब चिल्लाकर मिला करती है
अंदाज़ कुछ नया सा था ये लहजा इश्क जैसा
कविता का नैतिक– Lehja Ishq Jaisa | Poetry Lyrics
एक अजीब सी भावनाएं दिल में कभी कभी आती है किसी दूसरे को देख कर एक लड़के को एक लड़की को देखा कर और लड़की को लड़के को देख कर तो उनका एक दूसरे के प्रति जो भावना होता है या जो एक दूसरे के प्रति रवैया होता है वो ही इश्क जैसा लहजा होता है आप उस लहजे को इश्क़ कह सकते है!
ये एक नया भावना हो सकता है! इसमें आपको अच्छाई बुराई नहीं लगता होगा बस ये ही लगता है की बस ये समय यही रुक सा जाये जो चल रहा है ऐसे ही चलता जाये इस फीलिंग को ध्यान में रख कर डेली इन्स्पीरेशन बोर्ड की टीम आपके लिए ये कविता (Poetry Lyrics) लहजा इश्क जैसा (Lehja Ishq Jaisa) आपके सामने प्रस्तुरत कर रहा है! आशा करता है की आपको पसंद आयेगा आप खूब एन्जॉय करेंगे इसका
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